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महाराष्ट्र मंडळ में 12 सितंबर को होगा सामूहिक मंगळागौरी व्रत का उद्यापन

महाराष्ट्र मंडळ में 12 सितंबर को होगा सामूहिक मंगळागौरी व्रत का उद्यापन
रायपुर। समाज और संस्कृति को समेटे हुए महाराष्ट्र मंडल में वैदिक संस्कारों से जुड़े नित नये आयोजन होते रहते है। पवित्र सावन का महीना आने वाला है। ऐसे में महाराष्ट्र मंडळ और महाराष्ट्र संस्कार केंद्र की ओर से चौबे कालोनी स्थित महाराष्ट्र मंडळ में मंगलवार 12 सितंबर को सामूहिक मंगळागौरी व्रत का उद्यापन किया जाएगा। उद्यापन को लेकर व्रत रखने वाली महिलाएं मंडल कार्यालय में संपर्क कर सकती है। 
 
महराष्ट्र मंडळ के सचिव आचार्य चेतन दंडवते ने बताया कि मंडळ की ओर ऐसे धार्मिक आयोजन हमेशा किए जाते रहे है। इसी कड़ी में सावन के इस पवित्र मास में मंगळागौरी का सामूहिक उद्यापन कार्यक्रम रखा गया है। उद्यापन कार्यक्रम में भाग लेने वाली महिलाएं मुझसे या मंडळ कार्यालय में संपर्क कर अपना पंजीयन करा सकती है। 
 
आचार्य दंडवते ने बताया कि हिन्दू पुराणों के अनुसार इसका विशेष महत्व वैवाहिक जीवन मे खुशहाली के लिए, पुत्र की प्राप्ति, पति/ पुत्र की लंबी आयु, व अन्य सुखों के लिए, सौभाग्यशाली - सुहागन स्त्री के द्वारा, इस व्रत को किया जाता है। उन्होंने आगे बताया कि गौरी पूजन नाम से स्पष्ट है, माँ गौरा अर्थात् माता पार्वती के लिए यह व्रत किया जाता है। पुराणों के अनुसार, भगवान शिव-पार्वती को श्रावण माह अति प्रिय है। इसलिए यह व्रत श्रावण माह के मंगलवार को ही किया जाता है। इसलिए इसे मंगला गौरी भी कहा जाता है।
 
मन्नत के अनुसार, अपने मंगला गौरी के व्रत पूर्ण कर आखरी मंगलवार को किसी पंडित या पुरोहित के सानिध्य में तथा सोलह सुहागन स्त्रियों को भोजन करा कर इस व्रत की समाप्ति करनी चाहिए। जिसमें पूजन विधि हर मंगलवार की तरह करके, आखरी मंगलवार को पूरे परिवार के साथ माता-पिता के साथ व सुहागन स्त्री अपने पति के साथ करें। पूरे परिवार व सगे संबंधियों को शामिल कर अंत में आरती करें। इस तरह मंगला गौरी व्रत का उद्यापन किया जाता है।