न्यूज़

संस्कृत की अनिवार्यता पर पक्ष का पड़ला रहा भारी... विपक्ष नहीं दे पाया दमदार दलील

संस्कृत की अनिवार्यता पर पक्ष का पड़ला रहा भारी... विपक्ष नहीं दे पाया दमदार दलील

- महाराष्ट्र मंडल में हुई सुलेख, ड्राइंग और निबंध प्रतियोगिता

- बच्चों ने श्रीगणेश को दिया मनचाहा कलर... सुलेख व निबंध में दिखा टैलेंट

 

रायपुर। महाराष्ट्र मंडल में शहीद मेजर यशवंत गोरे स्मृति गणेशोत्सव के चौथे दिन स्कूली बच्चों के लिए आयोजित वाद-विवाद के दौरान महाराष्ट्र मंडळ का संत ज्ञानेश्वर सभागृह में मानों सनातन संस्कृति ही नजर आने लगी। क्योंकि वाद-विवाद का विषय था ‘कक्षा पहली से 12वीं तक संस्कृत विषय की अनिवार्यता’। इस विषय पर पक्ष और विपक्ष दोनों ने पूरी गंभीरता के साथ अपना पक्ष रखा। एक और जहां पक्ष ने सनातन संस्कृति के संरक्षण और अपनी सांस्कृतिक विरासत को संजोने के लिए इसे अनिवार्य बताया। वहीं आधुनिकता के युग में विपक्ष ने इसे एक सिरे से नकार दिया। स्पर्धा के दौरान पक्ष का पलड़ा भारी नजर आया। इसके साथ स्कूली बच्चों के लिए सुलेख, निबंध और कलरिंग स्पर्धा का आयोजन भी किया गया था। यूकेजी और एलकेजी के छोटे छोटे बच्चों ने श्रीगणेश को मनचाहा कलर देकर अपनी अभिव्यक्ति प्रकट की।

 

मंगलवार को महाराष्ट्र मंडल के संत ज्ञानेश्वर सभागृह में बच्चों की अनोखी प्रतिभा नजर आई। सभी बच्चों का टैलेंट एक से बढ़कर एक था। बात कलरिंग की हो या सुलेख और निबंध प्रतियोगिता की। बच्चों ने गजब का जलवा बिखेरा। स्पर्धा में विजयी बच्चों को मंडल की युवा समिति की ओर से प्रमाण पत्र और प्रथम, द्वितीय आने वाले बच्चों को पुरस्कार दिया गया।  

  

महाराष्ट्र मंडळ के युवा समिति की प्रमुख शुचिता देशमुख ने बताया कि युवा समिति की ओर से कलरिंग, निबंध, सुलेख और वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मंडळ द्वारा संचालित संत ज्ञानेश्वर स्कूल के बच्चों के साथ भारतमाता स्कूल, बालाजी स्कूल, राजकुमार कालेज के बच्चों ने सहभागिता निभाई।

 

युवा समिति की सह प्रमुख रीना बाबर ने बताया कि छोटे बच्चों के लिए कलरिंग  का आयोजन था। बच्चों श्रीगणेश की स्कैच में शानदार रंग भरे। बच्चों ने सभी चित्रों में इतना अच्छे से कलरिंग की थी कि आर्टिसन अजय पोतदार को विजेता के चयन के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। उन्होंने सभी चित्रों का अवलोकन कर विजेता का चयन किया। 

 

रीना ने आगे बताया कि सुलेख प्रतियोगिता में बालाजी स्कूल के कार्तिकेय प्रजापति प्रथम,  बालाजी स्कूल की अनिका अंसारी द्वितीय और संत ज्ञानेश्वर स्कूल की खुशी सहारे तृतीय रही। वहीं निबंध लेखन में संत ज्ञानेश्वर की इफ्फत पटेल प्रथम और भारतमाता स्कूल टाटीबंध के हस्सी सिंह द्वितीय रहे। वाद-विवाद प्रतियोगिता में राजकुमार कालेज की छात्रा पलक नैनानी ने संस्कृत की अनिवार्यता में पक्ष में अपना विचार रखा और स्पर्धा में प्रथम स्थान प्राप्त किया। वहीं दूसरे स्थान पर पक्ष में अपना विचार रखने वाले संत ज्ञानेश्वर स्कूल की छात्रा हर्षिका यादव रही। वहीं राजकुमार कालेज की छात्रा आशी जैन ने विपक्ष में अपने विचार रखते हुए तीसरा स्थान प्राप्त किया।

 

कार्यक्रम की अथिति मंडल की उपाध्यक्ष गीता श्याम दलाल और सहसचिव मालती मिश्रा थी। स्पर्धा के निर्णायक की भूमिका में कुमुद लाड, श्यामल जोशी, भारती पलसोदकर, अक्षता पंडित ने बखूबी निभाई। कार्यक्रम  में युवा समिति के समन्वयक विनोद राखुंडे का विशेष मार्गदर्शन मिला। इस दौरान आचार्य रंजन मोडक, अभय भागवतकर, समीर देशमुख, अनुराग भावकर, श्रावणी मुकादम और मेघा पोतदार का विशेष सहयोग रहा।