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महाराष्ट्र मंडल में शहादत दिवस पर याद किए गए भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु

महाराष्ट्र  मंडल में शहादत दिवस पर याद किए गए भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु
रायपुर। महाराष्ट्र मंडल में गुरुवार शाम को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की शहादत को स्मरण करते हुए शहीद दिवस मनाया गया। तीनों वीर बलिदानियों की तस्वीर पर मंडल अध्यक्ष अजय काळे, सचिव चेतन दंडवते और नाट्य मंडळ निर्देशक अनिल काळेले ने माल्यार्पण किया।
 
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अनिल काळेले ने कहा कि भगत सिंह, श्रीराम हरि राजगुरु और सुखदेव थापर ने महज 23-24 साल की उम्र में भारत देश की आजादी के लिए चलाए जा रहे आंदोलन को अपनी शहादत से जो गति प्रदान की वह 15 अगस्त 1947 को भारत देश की आजादी के बाद ही थमी। इन तीनों बलिदानियों ने पब्लिक शेफ्टी और ट्रेड डिस्ट्रीब्यूट बिल्स के विरोध में 8 अप्रैल 1929 को सेंट्रल असेंबली में बम फेंका था।
 
 
उन्होंने कहा कि बम फेंकने के बाद इन जांबाज युवाओं के पास भागने का भरपूर समय था, लेकिन इन्होंने न केवल सहर्ष गिरफ्तारी दी, बल्कि भारत देश की आजादी के नारों के साथ 23 मार्च 1931 को फांसी पर झूल भी गए।
 
 
मंडल अध्यक्ष अजय काळे ने भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की शहादत को स्मरण करते हुए कहा कि भले ही तीनों वीर जवानों को लाहौर के सेंट्रल जेल में फांसी दी गई हो, लेकिन इस घटना ने समूचे देश को झंझकोर कर रख दिया था। भगत सिंह पराधीन भारत में एक बात हमेशा कहा करते थे कि जिंदगी अपने कंधों पर जी जाती है, दूसरों के कंधों पर तो जनाजे जाते है। वे मानते थे कि देश को आजाद करना है तो हमें अपने प्रयासों और आंदोलन से ही करना है। किसी दूसरे से ऐसी अपेक्षा नहीं की जा सकती।
 
 
 
इस अवसर पर मराठी लेखन के लिए महाराष्ट मंडल के पर्यावरण प्रभारी अभय भागवतकर को अध्यक्ष अजय काळे ने पुरस्कृत किया। शहीद दिवस के इस अवसर पर बृहन्महाराष्ट्र मंडल के छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रभारी सुबोध टोले, उपाध्यक्ष श्यामसुंदर खंगन, सह सचिव सुकृत गनौदवाले, गीता दलाल, संत ज्ञानेश्वर स्कूल के सह प्रभारी परितोष डोनगांवकर, महिला प्रमुख विशाखा तोपखानेवाले, मेस प्रभारी दीपक किरवईवाले, दिव्यांग बालिका गृह प्रभारी आस्था काळे, कामकाजी महिला गृह प्रभारी नमिता शेष, पर्यावरण समिति प्रभारी अभय भागवतकर, वैभव बर्वे, युवा समिति के नवीन देशमुख, रीना बाबर, सांस्कृतिक संस्कृति  प्रभारी प्रेम उपवंशी, प्रिया बक्षी, गौरी क्षीरसागर, कला एवं संस्कृति समिति की प्रभारी भारती पलसोदकर, अंकिता किरवई, आध्यात्मिक समिति के प्रभारी हेमंत मार्ड़ीकर, वरिष्ठ सदस्य सेवा समिति के रवि गहलोत, दीपक पात्रीकर सहित समस्त महिला केंद्र की संयोजिका और सहसंयोजिकाएं इस अवसर पर उपस्थित रहीं।