न्यूज़

महाराष्ट्र मंडल में बनी परामर्शदाता समिति, बिखरते परिवारों व रिश्तों को जोड़ने का होगा प्रयास

महाराष्ट्र मंडल में बनी परामर्शदाता समिति, बिखरते परिवारों व रिश्तों को जोड़ने का होगा प्रयास
रायपुर। महाराष्ट्र मंडल में अजय काले की अध्यक्षता में आहूत बैठक में परामर्शदाता समिति का गठन किया गया। सर्वसम्मति से समिति का नेतृत्व वरिष्ठ काउंसलर शताब्दी पांडे करेंगी। समिति में वरिष्ठ सदस्य अनिल काळेले, श्यामसुंदर खंगन, वकील परिमल डोनगांवकर, मनीषा भंडारकर और चेतन दंडवते, काउंसलर डॉ. मंजरी बक्षी, ओपी कटारिया, शुभांगी आप्टे और पुलिस विभाग से अर्चना चौधरी और प्रियंका डोंगरे बतौर सदस्य सेवाएं देंगी। 
 
समिति के बारे में अजय काले ने बताया कि मराठी भाषी समाज में भी परिवार विघटन, आपसी रिश्तों में खींचतान, बढ़ती कटुता-वैमनस्यता, बिखरते परिवार व बिखरते दांपत्य जीवन को सहेजने- संवारने के लिए महाराष्ट्र मंडल ने यह समिति बनाई है। 
 
शताब्दी पांडे ने कहा कि जिन परिवारों में भी पति विरूद्ध पत्नी, माता-पिता विरूद्ध पुत्र-  पुत्री, सास- ससुर, पति के खिलाफ बहू, भाई-बहन वह अन्य रिश्तो में खिंचाव व तनाव इतने बढ़ गए हैं कि मामले पुलिस थाने और अदालत तक जाने लगे हैं। ऐसे प्रकरणों में प्रयास किया जाएगा कि महाराष्ट्र मंडल की परामर्शदाता समिति प्रभावित- पीड़ित सदस्यों व उनके परिवार के साथ बैठकर मामले की गहराई तक जाए और सभी की सहमति से ऐसा उपाय सुझाए, जिससे परिवार में खुशियां व एक-दूसरे के प्रति विश्वास एवं सम्मान लौट आए। 
 
अनिल काळेले ने कहा कि शताब्दी पांडे, शुभांगी आप्टे जैसे सदस्य लंबे समय से महिला पुलिस थाने में काउंसलिंग की भूमिका में रहीं हैं. अदालत परिसर में परिमल डोनगांवकर, मनीषा भंडारकर जैसे सदस्य इस तरह के अनेक मामले निपटाते आए हैं. हमारी समिति में भी इनके अनुभवों का लाभ मिलेगा. इसी तरह पुलिस थाने में अर्चना चौधरी और प्रियंका डोंगरे परिवार और रिश्तों के दरकने के बीसियों केस से रूबरू हो चुकी हैं. इनके सिद्धहस्त प्रयास से भी बहुत से परिवार महाराष्ट्र मंडल की छांव में बिखरने से बच जाएंगे। 
 
मंडल उपाध्यक्ष श्यामसुंदर खंगन ने बताया कि रविवार को देर तक चली बैठक में परामर्शदाता समिति किस स्वरूप में काम करेगी, कैसे व किस तरह काम करेगी, कौन से मामलों को कौन से सदस्य भली-भांति समझकर उसका सटीक समाधान निकालेंगे जैसे विभिन्न विषयों पर व्यापक चर्चा की गई. समिति चंद दिनों में विभिन्न प्रकरणों के माध्यम से परिवार और रिश्तों को सुमधुर बनाने का काम शुरू कर देगी।